The 5-Second Trick For Shodashi
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The working day is observed with excellent reverence, as followers check out temples, offer you prayers, and participate in communal worship events like darshans and jagratas.
ह्रीं श्रीं क्लीं परापरे त्रिपुरे सर्वमीप्सितं साधय स्वाहा॥
आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं
वन्दे तामहमक्षय्यां क्षकाराक्षररूपिणीम् ।
षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram
सा मे मोहान्धकारं बहुभवजनितं नाशयत्वादिमाता ॥९॥
षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी का जो स्वरूप है, वह अत्यन्त ही गूढ़मय है। जिस महामुद्रा में भगवान शिव की नाभि से निकले कमल दल पर विराजमान हैं, वे मुद्राएं उनकी कलाओं को प्रदर्शित करती हैं और जिससे उनके कार्यों की और उनकी अपने भक्तों के प्रति जो भावना है, उसका सूक्ष्म विवेचन स्पष्ट होता है।
Shodashi Goddess is without doubt one of the dasa Mahavidyas – the ten goddesses of wisdom. Her identify signifies that she is the goddess who is usually sixteen yrs old. Origin of Goddess Shodashi occurs immediately after Shiva burning Kamdev into ashes for disturbing his check here meditation.
हन्यादामूलमस्मत्कलुषभरमुमा भुक्तिमुक्तिप्रदात्री ॥१३॥
कर्तुं मूकमनर्गल-स्रवदित-द्राक्षादि-वाग्-वैभवं
ऐसी कौन सी क्रिया है, जो सभी सिद्धियों को देने वाली है? ऐसी कौन सी क्रिया है, जो परम श्रेष्ठ है? ऐसा कौन सा योग जो स्वर्ग और मोक्ष को देने वाला? ऐसा कौन सा उपाय है जिसके द्वारा साधारण मानव बिना तीर्थ, दान, यज्ञ और ध्यान के पूर्ण सिद्धि प्राप्त कर सकता है?
शस्त्रैरस्त्र-चयैश्च चाप-निवहैरत्युग्र-तेजो-भरैः ।
, variety, during which she sits atop Shivas lap joined in union. Her features are unlimited, expressed by her five Shivas. The throne on which she sits has as its legs the 5 varieties of Shiva, the well-known Pancha Brahmas
सर्वभूतमनोरम्यां सर्वभूतेषु संस्थिताम् ।